रोम ( रीड ओनली मेमोरी )
रोम एक प्रकार की स्थायी मेमोरी होती है जो स्थायी डेटा और निर्देशों को संग्रहित करती है. इसमें स्टोर की हुई जानकारी बिजली की आपूर्ति बंद होने पर भी नहीं मिटती तथा यूजर रोम में डाली गई सूचनाओ में कोई बदलाव नहीं कर सकता है. इसकी डेटा और निर्देश निर्माण के समय ही डाल दी जाती है. जो यूजर को प्रोग्राम्स को निष्पादित (एक्सीक्यूट) करने के लिए कंप्यूटर द्वारा आवश्यक होते हैं. इसे बायोस (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम) के नाम से भी जानते हैं.
ROM के तीन अलग-अलग प्रकार हैं:-
(१) PROM : -
PROM
का फुल फॉर्म Programmable Read Only Memory होता है. PROM एक मेमोरी चिप है, जिस पर हम एक प्रोग्राम स्टोर कर सकते हैं. लेकिन एक बार PROM का उपयोग करने के बाद, हम इसे साफ नहीं कर सकते हैं . इस प्रकार के ROM को PROM प्रोग्रामर नामक एक विशेष उपकरण का उपयोग करके फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है.
(२) EPROM : -
EPROM
का फुल फॉर्म Erasable Programmable Read Only
Memory होता है. EPROM बिजली चले जाने के बाद भी इसमें स्टोर डाटा लोस नहीं होती है. हम इसकी संग्रहित जानकारी (स्टोर्ड इनफार्मेशन) को अल्ट्रावायलेट लाइट (पराबैंगनी प्रकाश ) में उजागर करके मिटा सकते हैं. लेकिन फिर एक PROM प्रोग्राम द्वारा फिर से प्रोग्राम किया जाता है. इस प्रक्रिया को कई बार किया जा सकता है, लेकिन लगातार मिटाने और फिर से लिखने से अंततः चिप बेकार हो जाती है. EPROM सस्ते और विश्वसनीय (रिलाएबल) होते हैं और इसलिए वे व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं.
(३) EEPROM :-
EEPROM
का फुल फॉर्म Electrically Erasable Programmable
Read Only Memory होता है. इस प्रकार ROM मेमोरी फ़्लैश मेमोरी की तरह ही काम करती है. यह एक non-voletile मेमोरी होती है तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अपेक्षाकृत कम मात्रा में डेटा संग्रहित करता है लेकिन यह इंडिविजुअल बाइट्स को मिटाने और पुन: व्यवस्थित करने की अनुमति भी प्रदान करता है.
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